कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लांघ लेना संभव नहीं था?

कवि ने दक्षिण दिशा में बहुत भ्रमण किया था। जब भी वह दक्षिण दिशा में भ्रमण करते थे तो उनको अपनी माँ की सीख याद आती थी कि दक्षिण दिशा में मृत्यु के देवता यमराज का वास होता है। वह दक्षिण में दूर-दूर तक गए लेकिन जहाँ पर उनकी यात्रा ख़त्म होती वहां पर फिर से दक्षिण शुरू हो जाता क्योंकि कोई भी निश्चित बिंदु नहीं था जहाँ दक्षिण दिशा ख़त्म होती हो। कवि के अनुसार दक्षिण दिशा का छोर क्षितिज बहुत ही दूर था जिस पर पहुँच पाना असंभव था। इसलिए कवि ने दक्षिण दिशा को लांघ पाना असंभव बताया। यदि वह दक्षिण दिशा को लांघ पाते तो उनकी यमराज के घर को देखने की इच्छा पूर्ण भी हो जाती।


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